अचानक एक तेज आवाज कानों में सुनाई पड़ी या ऐसा भ्रम हुआ लगा जैसे कोई जोरों से चिल्ला रहा हो 'राम....नाम सत्य है।' 'अरे नहीं भाई ये किसी बस या गाड़ी की आवाज है नहीं तो नौ बजे रात को कहीं मजिल जाता है'
यहां से शीतलपुर स्टेशन मुश्किल से एक किलोमीटर होगा। दस मिनट लगते हैं पैदल जाने में।
बरसात के दिनों में एक दूसरा रास्ता भी है केशरपुर वाला 'नयका पुलवा' से। मगर उधर से जाने में एक से सवा घंटा लग जाता है।
यहां से शीतलपुर स्टेशन मुश्किल से एक किलोमीटर होगा। दस मिनट लगते हैं पैदल जाने में।
बरसात के दिनों में एक दूसरा रास्ता भी है केशरपुर वाला 'नयका पुलवा' से। मगर उधर से जाने में एक से सवा घंटा लग जाता है।
यहां ऐसा नहीं है कि गांव के लोगों के की इच्छा नहीं है कि पुल बने। पुल बने किंतु पुल के बनने का श्रेय यादव बहुल इलाके के लोग चाहते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के विधायक जो अभी वर्तमान विधायक हैं उनको मिले।
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